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E-ISSN: 2582-8010     Impact Factor: 9.56

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लघु पाराशरी-लघुजात कानुसोरेन राजयोगाः

Author(s) डॉ. प्रदीप भारद्वाज
Country India
Abstract लघु पाराशरी, भारतीय ज्योतिष शास्त्र का एक अत्यधिक महत्वपूर्ण और प्राचीन ग्रंथ है, जो महर्षि पाराशर द्वारा रचित माना जाता है। यह ग्रंथ वैदिक ज्योतिष की बुनियादी अवधारणाओं और सिद्धांतों को समाहित करता है, जिसमें राशियों, ग्रहों, और उनकी स्थितियों के माध्यम से मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया जाता है। पाराशरी ज्योतिष में ग्रहों के योग और उनकी प्रभावी स्थितियों का गहरा महत्व है, जो न केवल व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करते हैं, बल्कि उनके समाजिक, आर्थिक और मानसिक विकास की दिशा भी निर्धारित करते हैं।
लघुजात कानुसोरेन राजयोग इस ग्रंथ का एक विशेष प्रकार का योग है, जिसे ज्योतिष शास्त्र में विशेष स्थान प्राप्त है। यह योग व्यक्ति की जन्म कुंडली के विभिन्न योगों के आधार पर निर्धारित होता है और इसके माध्यम से व्यक्ति के जीवन में राजकीय सम्मान, संपत्ति और सामाजिक प्रतिष्ठा प्राप्त करने की संभावनाएं उजागर होती हैं। यह राजयोग एक शक्तिशाली मानसिकता और जीवन में उच्चतम सफलता की प्राप्ति की दिशा में मार्गदर्शन करता है।
लघुजात कानुसोरेन राजयोग का विश्लेषण करते हुए यह समझने की कोशिश की जाती है कि किस प्रकार ग्रहों और राशियों के सही संयोजन से किसी व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं। यह योग न केवल उच्च सामाजिक स्थिति और संपत्ति प्राप्त करने में मदद करता है, बल्कि मानसिक संतुलन, आत्मविश्वास और जीवन के उद्देश्य को समझने में भी सहायक होता है।
भारत के विभिन्न ज्योतिष शास्त्रों में यह योग विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण है जो अपने जीवन में उच्च पद, प्रतिष्ठा और समृद्धि प्राप्त करना चाहते हैं। पाराशरी के अनुसार, यह राजयोग जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता की कुंजी हो सकता है। इसलिए इस शोध में यह निर्धारित करने का प्रयास किया जाएगा कि लघुजात कानुसोरेन राजयोग का प्रभाव किस प्रकार व्यक्तियों के जीवन में सफलता, सम्मान और संपत्ति को आकर्षित करता है।
इसके अलावा, यह भी आवश्यक है कि इस योग की प्रक्रिया और इसके प्रभाव को समझते हुए व्यक्ति अपनी जन्म कुंडली के आधार पर जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लें। इस प्रकार, लघु पाराशरी और लघुजात कानुसोरेन राजयोग के अध्ययन से न केवल ज्योतिष शास्त्र का ज्ञान बढ़ेगा, बल्कि यह भी समझ में आएगा कि किस प्रकार इस शास्त्र के सिद्धांतों का प्रयोग व्यक्ति के जीवन में व्यावहारिक रूप से किया जा सकता है।
Keywords लघु पाराशरी, लघुजात कानुसोरेन, राजयोग, ज्योतिष शास्त्र, ग्रहों के योग
Field Arts
Published In Volume 6, Issue 1, January 2025
Published On 2025-01-30
Cite This लघु पाराशरी-लघुजात कानुसोरेन राजयोगाः - डॉ. प्रदीप भारद्वाज - IJLRP Volume 6, Issue 1, January 2025.

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